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भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन Hindi Edition
Contributor(s): Narale, Ratnakar (Associate Producer), Dubey, Rakesh Kumar (Author)
ISBN: 1897416873     ISBN-13: 9781897416877
Publisher: PC Plus Ltd.
OUR PRICE:   $19.48  
Product Type: Paperback
Language: Hindi
Published: March 2018
Qty:
Additional Information
BISAC Categories:
- History | Asia - India & South Asia
- Foreign Language Study | Hindi
Physical Information: 0.67" H x 7.5" W x 9.25" (1.22 lbs) 320 pages
Themes:
- Cultural Region - Indian
- Cultural Region - Asian
 
Descriptions, Reviews, Etc.
Publisher Description:

प्रस्तुत ग्रंथ में काशी नागरीप्रचारिणी सभा के बहुआयामी कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है। इसकी उपयोगिता और प्रासंगिकता इस अर्थ में और अधिक बढ़ जाती है कि जब अंग्रेजी शासन ने 1857ई0 के बाद 'विभाजन और शासन' की नीति अपनायी और इसका प्रमुख आधार आरंभ में भाषा एवं लिपि को बनाया, उस समय नागरीप्रचारिणी सभा ने भाषा एवं लिपि को ही आधार बनाकर जनता में जनजागृति लाने का प्रयास किया। विदेशी शासन ने जहां अत्यल्प वर्ग की उर्दू भाषा एवं फारसी लिपि को प्रमुखता प्रदान की वहीं, सभा ने आम जनता द्वारा व्यवहृत हिंदी भाषा और नागरी लिपि का प्रचार और उसी के माध्यम से संपूर्ण देश को एकसूत्र में बांधते का प्रयास किया। राष्ट्रीय आंदोलन के निर्णयक दौर में पहुंच जाने पर जब विभाजनकारी शक्तियां देश में अशान्ति पैदा करने और उसे विखंडित करने पर तुली हुई थीं, ऐसे समय में भी सभा ने राष्ट्रीय समेंकन को सर्वोपरि रखते हुए अखंड भारत का समर्थन और देशवासियों में भावनात्मक एकता बनाये रखने का प्रयास किया।


Contributor Bio(s): Narale, Ratnakar: - "डा. राकेश कुमार दूबे, एम. ए., नेट, पी-एच. डी. पुरस्कार/सम्मान ह्विटेकर विज्ञान पुरस्कार (2012), विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद । अंतर्राष्ट्रीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता पुरस्कार (2015ई0), विश्व हिंदी सचिवालय, मारीशस। प्रकाशन 70 से अधिक शोधपत्र / आलेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं जिनमें विषय को लेकर काफी विविधता है। एक तरफ भारत की संस्थागत हिंदी पत्रिकाओं-नागरीप्रचारिणी पत्रिका, नागरी, सम्मेलन पत्रिका, हिंदुस्तानी, दक्षिण भारत, केदार-मानस, विकल्प, साहित्य भारती, गवेषणा इत्यादि में; तो वहीं गगनांचल, इतिहास-दिवाकर और इतिहास-दर्पण जैसी ऐतिहासिक महत्व की पत्रिकाओं में शोधपत्र / आलेख प्रकाशित हैं। पर्यावरण संजीवनी, भगीरथ और जल चेतना जैसी पर्यावरण एवं जल संरक्षण सें संबंधित पत्रिकाओं के अलावा विशुद्ध विज्ञान की राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं - विज्ञान, विज्ञान आपके लिए, विज्ञान-गंगा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, विज्ञान प्रगति एवं ड्रीम 2047 में शोधपत्र / आलेख प्रकाशित हैं। भारत से बाहर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं - विश्व हिंदी पत्रिका (मारीशस), विश्व हिंदी समाचार (मारीशस), विश्वा (अमेरिका), सेतु (अमेरिका), वसुधा (कनाडा) एवं साहित्य कुंज (कनाडा) में भी शोधपत्र/आलेख प्रकाशित हैं।"Dubey, Rakesh Kumar: - "डा. राकेश कुमार दूबे, एम. ए., नेट, पी-एच. डी. पुरस्कार/सम्मान ह्विटेकर विज्ञान पुरस्कार (2012), विज्ञान परिषद प्रयाग, इलाहाबाद । अंतर्राष्ट्रीय हिंदी निबंध प्रतियोगिता पुरस्कार (2015ई0), विश्व हिंदी सचिवालय, मारीशस। प्रकाशन 70 से अधिक शोधपत्र / आलेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं जिनमें विषय को लेकर काफी विविधता है। एक तरफ भारत की संस्थागत हिंदी पत्रिकाओं-नागरीप्रचारिणी पत्रिका, नागरी, सम्मेलन पत्रिका, हिंदुस्तानी, दक्षिण भारत, केदार-मानस, विकल्प, साहित्य भारती, गवेषणा इत्यादि में; तो वहीं गगनांचल, इतिहास-दिवाकर और इतिहास-दर्पण जैसी ऐतिहासिक महत्व की पत्रिकाओं में शोधपत्र / आलेख प्रकाशित हैं। पर्यावरण संजीवनी, भगीरथ और जल चेतना जैसी पर्यावरण एवं जल संरक्षण सें संबंधित पत्रिकाओं के अलावा विशुद्ध विज्ञान की राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं - विज्ञान, विज्ञान आपके लिए, विज्ञान-गंगा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, विज्ञान प्रगति एवं ड्रीम 2047 में शोधपत्र / आलेख प्रकाशित हैं। भारत से बाहर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं - विश्व हिंदी पत्रिका (मारीशस), विश्व हिंदी समाचार (मारीशस), विश्वा (अमेरिका), सेतु (अमेरिका), वसुधा (कनाडा) एवं साहित्य कुंज (कनाडा) में भी शोधपत्र/आलेख प्रकाशित हैं।"